Heatwave Alert- सूरज की तपिश से सड़कों पर पसरा सन्नाटा, हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा; जानें बचाव के तरीके
स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, लातेहार। Heatwave Alert: इस बार अप्रैल के मध्य से ही गर्मी चरम पर पहुंचती महसूस होने लगी है। तापमान 39 डिग्री पार कर चुका है। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ना शुरू हो गया है।
स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, लातेहार। Heatwave Alert: इस बार अप्रैल के मध्य से ही गर्मी चरम पर पहुंचती महसूस होने लगी है। तापमान 39 डिग्री पार कर चुका है। इसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ना शुरू हो गया है।
छोटी-मोटी समस्याओं के अलावा धूप की तपिश और लू के थपेड़ों ने हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा दिया है। दरअसल तापमान 38 डिग्री या इससे ऊपर तापमान बढ़ते ही शरीर के लिए खतरनाक बन जाता है।
शरीर का तापमान ढलने में होती है दिक्कत
इसमें बुखार, उल्टी, सिरदर्द, बेहोशी जैसी समस्याओं के साथ ही जान जाने का भी खतरा रहता है। जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है। यदि बाहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए तो शरीर को तापमान के अनुरूप ढालने में दिक्कत होती है।
इसके चलते अधिक देर धूप में रहने के कारण हीट स्ट्रोक की आशंका रहती है। यह मस्तिष्क को सबसे अधिक प्रभावित करता है। लापरवाही बरतने पर यह जानलेवा तक हो सकता है।
अस्पताल में बढ़े मरीज
गर्मी के दुष्प्रभाव के रूप में मरीजों की संख्या सदर अस्पताल एवं सीएचसी में बढ़ गई है। सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि 50-60 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें गर्मी की वजह से लूज मोशन और डाइजेशन की दिक्कतें हैं। वहीं अचानक तापमान बढ़ने से बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।
लू के थपेड़ों से परेशानी
रविवार को सूर्यदेव की तपिश पूरे शबाव पर रही। दिन का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहा। दोपहर में लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल भरा रहा। पांच दिनों से चल रही तेज गर्म हवा के तेवर से विद्यार्थी विशेष तौर पर परेशान रहे।
हीट स्ट्रोक का लक्षण
तेज गर्मी का अहसास और बेचैनी। शरीर का तापमान 101 से 104 फॉरेनहाइट तक पहुंचना। अधिक तापमान के कारण बेहोशी छाना। बार-बार प्यास लगना। चेहरा लाल, सिर दर्द, जी मचलाना और उल्टियां होना।
हीट स्ट्रोक में क्या करें
दवा लेने के साथ आराम करें। बुखार चाहे कितना भी तेज हो, पानी का सेवन कम न करें। रोगी के शरीर को ठंडा बर्फ की पट्टी रखकर ठंडक पहुंचाएं। मरीज होश में है तो तापमान कम करने के लिए नहलाएं। कमरे में पंखे, कूलर या एसी जो भी हो उसे चालू करें।
मरीज को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए ग्लूकोज और ओआरएस का घोल लगातार देते रहें। गर्मियों में आने वाले मौसमी फलों में पानी की मात्रा खूब होती है, इसलिए इनका सेवन जरूर करें। तरबूज, खरबूज, खीरा आदि को नियमित रूप से लेने से शरीर में पानी के साथ खनिज-लवणों की भी पूर्ति होती है।
आम लोग अपनाएं ये तरकीब नहीं होंगे बीमार
दाल, चावल, सब्जी, रोटी जैसे सामान्य भोजन को ही प्राथमिकता दें। इससे आपका हाजमा ठीक रहेगा और फुर्ती भी बनी रहेगी। तली हुई चीजों को जहां तक हो सके न खाएं, यह आपका हाजमा बिगाड़ सकती हैं। गर्मियों में शरीर का अधिकांश पानी पसीने के रूप में वाष्पीकृत हो जाता है, इसलिए दिन में कम से कम चार से पांच लीटर तक पानी पिएं।
नारियल पानी, छाछ और लस्सी पीने से भी जल का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। तेज धूप में निकलने पर छतरी आदि से सुरक्षा बरतें। धूप कम होने पर शाम को घर से निकलें। कूलर-एसी से अचानक धूप में न जाएं।
धूप से लौटकर तुरंत ठंडा पानी न पिएं। घर से निकलने से पहले पानी पी लें साथ ही पानी लेकर भी चलें। खाली पेट घर से न निकलें। ताजा खाना खाएं। आम और पुदीना का पना, नींबू की शिकंजी और प्याज का भरपूर सेवन करें।
देसी फ्रिज का बढ़ा क्रेज
जिले में घड़े सुराही जैसे देसी फ्रिज की मांग बढ़ गई है। इसके लिए लोग कुम्हारों के दुकान घरों तक पहुंच रहे हैं। घड़ों सुराही की जमकर बिक्री हो रही है। इसके मनमाने दाम भी वसूले जा रहे हैं। लेकिन, गर्मी से निजात पाने के लिए लोग ऊंचे दाम पर भी इसकी खरीदारी करने से नहीं चूक रहे हैं।
सत्तूअमझोरा की बिक्री में वृद्धि
गर्मी बढ़ने के साथ ही सत्तू, अमझोरा की बिक्री में बेतहाशा वृद्धि हुई है। ठेले पर व्यवसायी दुकान लगाकर इसकी बिक्री में जुटे हैं। शीतल पेयजल दुकानों में भी भीड़ उमड़ रही है। सत्तू अमझोरा की सर्वाधिक बिक्री कचहरी, बस-स्टैंड थाना चौक के आसपास हो रही है। खीरा, ककड़ी, तरबूजों की दुकानों पर भी उमड़ रही है।
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